अतरंगी

नन्हें  नन्हें  क़दमों से तुम जो ठुमक ठुमक कर चलते हो यूँ  आड़ी -टेढ़ी नज़रों से न जाने क्या खोजते हो डगमग डगमग सी चाल से तुम जब इधर उधर लहराते हो मन-मोहक सी इस अदा से तुम दिल कितनो का बहलाते हो टूटे-फूटे शब्दों में तुम जो अनर्गल ही बतियाते हो किसी भी भाषाContinue reading “अतरंगी”

City lights

The twinkling sparkling city lightsSpread around as a sea of illuminationI sit across the window trying to graspThe stories behind each little spectacleSome lost in their own chapters,Some still awaiting culminationBut most of themFlickering with the hope of salvationOf their original sparkThat got them here, propelled by dreams and pushed by fearBut mostly as unchallengedContinue reading “City lights”

एक प्यार कुछ ऐसा हो

एक प्यार  कुछ ऐसा हो जिसमे न सही होने की ज़रूरत न गलत होने की परवाह हो जो है दिल में मेरे बात वो कह दूँ खुल के बेबाक मीठे प्यार भरे शब्दों में या कभी तल्ख़ कुछ लम्हों में जिसमे न हो बराबरी न जीतने की होड़ न मन में न बाहर  से होContinue reading “एक प्यार कुछ ऐसा हो”

Kartik

इन मासूम सी आँखों में नव जीवन के अंकुरित होते सपनों की चमक कुछ यूँ बिखरी सी है जैसे सूर्योदय की पहली किरण, और रात के स्याह पटल पर लहराती सुबह की आहट जैसे शीत लहर के बाद की पहली धूप से मिलती अंतः को गर्माहट जैसे सूखी धूल-धूसरित धरती पर मेघ की पहली गर्जनContinue reading “Kartik”

आकार

कुछ आकार सा ले रहा है विचारों के बादलों को कुछ दिशा सी मिल रही है धुंधली तस्वीरों पर छाया कोहरा छंट सा रहा है इस नितदिन के कोलाहल में कुछ साकार सा हो रहा है कुछ आकार सा ले रहा है, एक नियम सा, एक दिनचर्या सी इस व्यस्तता की एक अपेक्षा सी। हरContinue reading “आकार”